प्रधानमंत्री हर साल अपनी दिवाली बॉर्डर पर तैनात जवानों के साथ मनाते हैं. इस बार भी वो दिवाली मनाने राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर पर पहुंचे हैं. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ सीडीएस बिपिन रावत, आर्मी चीफ एमएम नरवणे, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और बीएसएफ के डीजी राकेश अस्थाना भी मौजूद हैं.
आपको बता दें कि इस बार प्रधानमंत्री जिस स्थान पर उत्सव मना रहे हैं वो स्थान जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सीमा से मिलती है और इस स्थान का एक ऐतिहासिक महत्व है. इसी जगह पर सुप्रसिद्ध तनोट माता का मंदिर स्थित है. लोंगेवाला मुख्य रूप से बीएसएफ का एक पोस्ट है. ये वही जगह है जहां 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध हुआ था.
1971 की जंग में सिर्फ 100 भारतीय जवानों की टुकड़ी ने न सिर्फ पाकिस्तान को 2000 सैनिकों से मुकाबला किया था, बल्कि पाकिस्तान के टैंकों को ध्वस्त कर हरा दिया था. भारतीय सैनिकों के इस कहर को आज भी पाकिस्तान नहीं भूल पाया है. इस युद्ध को विश्व का सबसे भयानक टैंक युद्धों में से एक माना जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली के मौके पर देशवासियों से अपील की है कि वे एक दीप सीमा पर तैनात जवानों के नाम जलाएं. पीएम ने ट्वीट के जरिये कहा कि "इस दिवाली, आइए एक दीया सैल्यूट टू सोल्जर्स के तौर पर भी जलाएं. सैनिकों के अद्भुत साहस को लेकर हमारे दिल में जो आभार है उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. हम सीमा पर तैनात जवानों के परिवारों के भी आभारी हैं."